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गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नो में स...

गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नो में सबसे उचित विकल्प चुनिए
काव्य कला के बारे में अपने वाल्मीकि की कथा सुनी है क्रोंच वध से फूटे हुए कविता के अजस्त्र निर्झर की बात आप अवश्य जानते है। वह कहानी सुन्दर है और उसके द्वारा कविता के स्वभाव की और जो संकेत होता है। की कविता मानव की आत्मा के आर्त्त -चीत्कार का सार्थक रूप है उसकी कई व्याख्याएँ की जा सकती है और की गयी है लेकिन हम इसे एक सुन्दर कल्पना से अधिक कुछ नहीं मानते। बल्कि हम कहेंगे की हम इससे अधिक कुछ मानना चाहते ही नहीं। क्योंकि हम यह नहीं मानना चाहते की कविता ने प्रकट होने के लिए इतनी देर तक प्रतीक्षा की। वाल्मीकि और रामचंद्र का काल और अयोध्या जैसी नगरी का काल , भारतीय सस्कृति की चरमोत्कर्ष का काल चाहे न भी रहा हो , यह स्पष्ट है की यह संस्कृति की एक पर्याप्त विकसित अवस्था का काल था , और हम यह नहीं मान सकते , नहीं मानना चाहते है की मौलिक ललित कलाओ में से कोई एक भी ऐसी थी जो इतने समय तक प्रकट हुए बिना ही रह गयी थी। अतएव हम जिस अवस्था की कल्पना करना चाहते है वह वाल्मीकि से बहुत पहले की अवस्था है। वैज्ञानिक मुहावरे की शरण लेकर कहे की वह नागरिक सभ्यता से पहले की अवस्था होनी चाहिए , वह खेतिहर सभ्यता से और चरवाहा से भी पहले की अवस्था होनी चाहिए। वह अवस्था जब मानव करारो में कंदराएँ खोदकर रहता था , और घास -पात या कभी पत्थर या ताम्बे के फरसों से आखेट करके मांस खाता था।
क्रोंच -वध की कथा किससे सम्बंधित है ?

A

तुलसीदास

B

वाल्मीकि

C

सूरदास

D

दधीचि

Text Solution

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The correct Answer is:
B

क्रोंच -वध एक क्रोंच पंछी के जोड़े में नर पंछी के मारे जाने की कथा है , जिसे वाल्मीकि ऋषि ने अपनी आँखों से देखा। मादा पंछी के विलाप को देखकर उनका ह्रदय इतना द्रवित हुआ की उनके मुख से काव्य के श्लोक निकले। माना जाता है की इसी घटना ने वाल्मीकि की वाणी को काव्य का रूप दिया।
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